बिहार सरकार किसानों को फसल विशेष योजनाओं का लाभ समय पर देने के लिए डिजिटल क्रॉप सर्वे कराएगी। 36 जिलों के 18 हजार से अधिक गांवों में सर्वे होगा। इससे किसानों की जमीन का साइंटिफिक डेटा मिलेगा और जरूरतमंद किसानों को योजनाओं का उचित लाभ मिल पाएगा। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि बिहार में डिजिटल क्रॉप सर्वे कराना बहुत जरूरी है।
सरकार किसानों को फसल विशेष योजनाओं का लाभ समय से सुनिश्चित करने के लिए डिजिटल क्रॉप सर्वे कराएगी। रबी की खेती के लिए 36 जिलों के 18 हजार से अधिक गांवों को चिह्नित किया गया है। कृषि विभाग की ओर बुधवार को आयोजित कार्यशाला में यह घोषणा की गई।
बामेती सभागार में एग्री स्टैक परियोजना के तहत डिजिटल क्रॉप सर्वे एवं फार्मर रजिस्ट्री विषय पर आयोजित एक दिवसीय कर्मशाला-सह-प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने किया।
अपर मुख्य सचिव ने अपने संबोधन में कहा कि बिहार में डिजिटल क्रॉप सर्वे कराना बहुत जरूरी है। डिजिटल क्रॉप सर्वे हो जाने से किसानों की जमीन के बारे में साईंटिफिक डाटा उपलब्ध हो जाएगा और जरूरतमंद किसानों को योजनाओं का उचित लाभ मिल पाएगा। उन्होंने 31 जनवरी तक जियो रेफरेंस मैप तैयार करने का निर्देश दिया।
उन्होंने कृषि विभाग से अपील किया कि कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ उन्हीं किसानों को दें, जिनका भू-अभिलेख आधार से लिंक हो। साथ ही, उन्होंने किसानों से अपना भू-अभिलेख ठीक कराने का भी आह्वान किया।
कृषि विभाग के संजय अग्रवाल ने कहा कि बिहार में डिजिटल क्रॉप सर्वे की बहुत बड़ी क्रांति के रूप में शुरुआत की जा रही है। वर्तमान में किस जिले में, किस फसल की, कितने क्षेत्र में खेती की गई है, इस विषय पर विभिन्न स्रोतों के अलग-अलग आंकड़े हैं।
डिजिटल क्राप सर्वे योजना में फसलों के रियल टाइम में बोई गई फसलों का आच्छादन क्षेत्र का सही आकलन किया जा सकेगा, जिससे फसलों के विपणन तथा नीति-निर्धारण में सहुलियत होगी।
अग्रवाल ने कहा कि पांच जिले के 10 गांव में 1.18 लाख प्लॉट का डिजिटल क्रॉप सर्वे 31 जनवरी तक करना होगा। डिजिटल क्राप सर्वे करने वाले कर्मी को पांच रुपये प्रति प्लाट की दर से प्रोत्साहन राशि दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त पावर बैंक की सुविधा के साथ-साथ नेट के लिए अलग से राशि उपलब्ध कराई जाएगी। यह कार्य अनुमंडल कृषि पदाधिकारी के नेतृत्व में कराया जाएगा।
अनुमंडल कृषि पदाधिकारी को डिजिटल क्रॉप सर्वे का प्रशासनिक प्राधिकार नामित किया जाएगा। प्रत्येक अनुमंडल कृषि पदाधिकारी को नमूना के रूप में एक-एक गांव का डिजिटल क्रॉप सर्वे स्वयं अगले एक महीने में करना होगा, ताकि वे डिजिटल क्रॉप सर्वे के मास्टर ट्रेनर के रूप में काम सके।