शरद पवार ने कहा-पीएम मोदी चाहते थे कि हम साथ मिलकर काम करें,मैंने प्रस्ताव ठुकरा दिया

एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें साथ काम करने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन उन्होंने यह प्रस्ताव ठुकरा दिया। पवार ने यह बयान एक टेलीविजन चैनल से बातचीत में दिया है।

पवार के इस बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा है कि पवार एक परिपक्व नेता हैं और नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री। इन दो बड़े नेताओं के बीच क्या चर्चा हुई, इसकी जानकारी मुझे नहीं है, लेकिन दो वरिष्ठ नेताओं के बीच हुई किसी बात की इस प्रकार खुलेआम चर्चा करना उचित है क्या?

शरद पवार द्वारा कही गई बात एकतरफा

मुनगंटीवार ने कहा कि शरद पवार द्वारा कही गई यह बात एकतरफा है। प्रधानमंत्री इस बात का खंडन करेंगे नहीं। इसलिए ऐसी बातों की सार्वजनिक रूप से चर्चा ही नहीं होनी चाहिए थी। हम लोगों की कोर कमेटी की बैठक में भी इस विषय पर कोई चर्चा कभी नहीं हुई है।

2014 में फडणवीस सरकार को बाहर से दिया था समर्थन

बता दें कि एनसीपी ने 2014 में भाजपा की अल्पमत फडणवीस सरकार को शुरू में बाहर से समर्थन दिया था। इस बार भी माना जा रहा था शिवसेना की नाराजगी के बाद एनसीपी और भाजपा मिलकर सरकार बना सकते हैं। यह संभावना तब सच भी होती दिखाई दी, जब एनसीपी विधायक दल के तत्कालीन नेता अजीत पवार ने देवेंद्र फडणवीस के साथ उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर सबको चौंका दिया था।

80 घंटे में ही गिर गई फडणवीस की सरकार

तब भी यही माना जा रहा था कि अजीत पवार ने शरद पवार की ही इच्छानुसार भाजपा से हाथ मिलाया होगा। लेकिन बाद में अजीत पवार अकेले पड़ गए और उनके समर्थक सभी विधायक उनके चाचा शरद पवार के साथ जा बैठे। इस कारण अजीत पवार को उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा, और फडणवीस की सरकार 80 घंटे में ही गिर गई।

उद्धव को दिया था भरोसा, दबा दूंगा विद्रोह: शरद पवार

राकांपा (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने कहा कि जब मुझे अजीत के समर्थन (फड़नवीस को) की जानकारी मिली तो उद्धव ठाकरे से संपर्क करने वाला मैं पहला व्यक्ति था। मैंने उनसे कहा कि जो हुआ अच्छा नहीं हुआ और उन्हें आश्वस्त किया कि मैं इसे दबा (विद्रोह) दूंगा। जब राकांपा में सभी को पता चला कि अजीत की कार्रवाई को मेरा समर्थन नहीं है तो जो पांच-दस उनके साथ थे उन पर दबाव बन गया।’

राकांपा प्रमुख ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि परिवार में किसी ने अजीत पवार से बात की थी या नहीं, लेकिन परिवार में सभी को लगता था कि अजीत ने गलत किया। बाद में मैंने उनसे कहा कि उन्होंने जो किया वह माफी योग्य नहीं है। कोई भी ऐसा करता तो उसे उसके परिणाम भुगतने पड़ते और आप भी अपवाद नहीं हैं। लेकिन साथ ही राकांपा में ऐसा एक बड़ा वर्ग है जिसकी उनमें आस्था है.. क्योंकि वह काम पूरा करते हैं।

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