नागरिकता संशोधन कानून पर विपक्षी दलों की बैठक आज, माया और ममता विपक्षी दलों की मीटिंग से रहेंगी दूर

नागरिकता संशोधन कानून(Citizenship Amendment Act) के खिलाफ सोमवार को दिल्ली में विपक्षी दलों की एक बैठक बुलाई गई है। इस बैठक के माध्यम से विपक्षी दल इस मुद्दे पर एकता का संदेश देंगे। हालांकि विपक्षी एकता में फूट पहले ही दिखने लगी है। नागरिकता कानून पर आज होने वाली विपक्षी दलों की मीटिंग में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और बसपा सुप्रीमो मायावती शामिल नहीं होंगीष ममता बनर्जी ने जहां पहले ही इस बैठक में शामिल ना होने की बात कह दी थी, वहीं मायावती ने आज स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी, इस बैठक में शामिल नहीं होंगी।

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने ट्वीट करते हुए बताया कि बसपा आज कांग्रेस द्वारा बुलाए गए विपक्षी दलों की बैठक में शामिल नहीं होगी।

आम आदमी पार्टी (आप) ने भी विपक्षी दलों की बैठक में शामिल होने से मना कर दिया है। समाचार एजेंसी एएनआइ ने जानकारी दी कि देश की मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर चर्चा करने के लिए कांग्रेस द्वारा आहूत आज की विपक्षी बैठक में शामिल नहीं होगी।

आज दोपहर 2 बजे विपक्षी दलों की बैठक

बता दें, कांग्रेस ने सभी समान विचारधारा वाले दलों को नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) पर एक संयुक्त रणनीति को औपचारिक बनाने के लिए बैठक में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है, इस बीच देश भर में नए नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है। कांग्रेस, विपक्षी दलों के साथ संसद भवन में दोपहर 2 बजे बैठक करेगी। सोमवार को सीएए पर एक संयुक्त रणनीति बनाने के लिए और छात्रों के खिलाफ पुलिस की बर्बरता का आरोप लगाया।

ममता बनर्जी नहीं लेंगी हिस्सा

पश्चिम बंगाल की सीएम और तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी ने विपक्ष की बैठक में भाग नहीं लेने का फैसला किया है।ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और वाम दल बेकार राजनीति कर रहे हैं और अब वह सीएए और एनआरसी का अकेले विरोध करेंगी। विधानसभा में बोलते हुए ममता बनर्जी ने जेएनयू हिंसा और नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा 13 जनवरी को बुलाई गई विपक्षी दलों की बैठक के बहिष्कार की घोषणा भी की थी।

भारत बंद के दौरान हुई हिंसा की आलोचना करते हुए ममता बनर्जी ने लेफ्ट और कांग्रेस पर दोहरे मानदंड अपनाने का भई आरोप लगाया था। गौरतलब है कि ममता बनर्जी सीएए और एनआरसी के खिलाफ मुखर हैं और जमकर इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं। वह खुद भी सीएए के खिलाफ होने वाली रैलियों में हिस्सा ले रही हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *