आइटीबीपी के 14 हथियार खाई में गिरे, नहीं लगा सुराग

मुनस्यारी, पिथौरागढ़ : भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल (आइटीबीपी) के मिलम से पिथौरागढ़ लाते समय 14 हथियारों का नग खाई में गिरकर खो गया। 22 दिन तक खोजबीन के बाद भी हथियारों का सुराग नहीं लग सका तो आइटीबीपी ने शुक्रवार को रिपोर्ट दर्ज कराई।

आइटीबीपी 14वीं वाहिनी का पैदल दल 16 मई को हवलदार जीडी अलेल सिंह के नेतृत्व में चीन सीमा पर स्थित मिलम चौकी से जाजरदेवल (पिथौरागढ़) के लिए रवाना हुआ था। दल में 12 जवानों के अलावा चार ठेकेदारों के पोटर्स (पीठ पर सामान ढोने वाले मजदूर) भी थे। एक पोटर्स के पीठ पर हथियार थे। 16 मई को बुगडियार में रहने के बाद 17 मई को पूरा दल आगे बढ़ा।

राड़ा मैन सिंह टॉप पर पहुंचे तो एक पोटर्स विक्रम सिंह पुत्र शेर बहादुर निवासी ग्राम बुराबाड़ा जिला बाजुरा (नेपाल) का पैर फिसल गया और वह गिर पड़ा। इसी दौरान उसकी पीठ पर बंधा हथियार का गट्ठर छिटककर सैकड़ों फिट गहरी खाई में जा गिरा। इसमें इनसास राइफल साईट (राइफल में जुड़ने वाली दूरबीन) के पांच नग,  इनसास एलएमजी साईट के पांच नग और मोर्टार साईट के तीन नग बंधे थे।

हथियारों के खाई में गिरते ही बल के सभी जवान और पोटर्स खाई में हथियारों को खोजने में जुट गए। जिस जगह से हथियार खाई में गिरे, वह अत्यधिक दुर्गम है। सैकड़ों मीटर की गहरी तीक्ष्ण खाई के नीचे नदी बहती है। आइटीबीपी जवानों और पोटर्स द्वारा लगातार 22 दिनों तक हथियारों की खोजबीन की गई।

कोशिशों के बावजूद कोई सफलता नहीं मिलने पर आइटीबीपी की ओर से इस मामले की रिपोर्ट राजस्व पुलिस के समक्ष दर्ज कराई गई। चीन सीमा से जुड़ा यह क्षेत्र राजस्व पुलिस के अंतर्गत आता है। अब राजस्व पुलिस हथियारों की खोजबीन करेगी।

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