राज्य में लगभग 35 हजार पदों के लिए रुकी हुई बहालियां दिसंबर माह से फिर से शुरू हो सकती हैं। विधानसभा चुनाव को लेकर आदर्श आचार संहिता लागू होने से झारखंड कर्मचारी चयन आयोग तथा झारखंड लोक सेवा आयोग में नियुक्ति प्रक्रिया लगभग ठप थी। अब आदर्श आचार संहिता समाप्त होने के बाद जहां झारखंड लोक सेवा आयोग में अध्यक्ष की नियुक्ति होगी, वहीं, झारखंड कर्मचारी चयन आयोग में लंबित परीक्षा प्रक्रियाएं पूरी की जाएंगी।
शपथ ग्रहण के बाद हुई कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी बहालियों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। सीएम के आदेश के बाद अब दिसंबर से बहाली प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। पहली बार कैबिनेट की बैठक में जेएसएससी एवं जेपीएससी दोनाें आयोगों में कैलेंडर के आधार पर अगले वर्ष जनवरी माह से परीक्षाएं आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। इसे लेकर दोनाें आयोगों को निर्देश दे दिए गए हैं।
उम्मीद की जा रही है कि जेएसएससी में लंबित संयुक्त स्नातक स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा (सीजीएल) तथा राज्य के प्रारंभिक विद्यालयों में सहायक आचार्य के 26,001 पदों के लिए आयोजित प्रतियोगिता परीक्षा के परिणाम जारी करने पर भी उच्चस्तरीय निर्णय शीघ्र हो सकता है। इधर, आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण कई प्रतियोगिता परीक्षाओं का परिणाम जारी नहीं हो सका था।
उनका भी परिणाम शीघ्र जारी होने की उम्मीद है। इनमें मैट्रिक स्तरीय संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा तथा झारखंड महिला पर्यवेक्षिका नियुक्त परीक्षा आदि परीक्षाएं सम्मिलित हैं। वहीं, झारखंड इंटरमीडिएट स्तरीय परीक्षा, पारा मेडिकल प्रतियोगिता परीक्षा, झारखंड क्षेत्रीय कार्यकर्ता नियुक्ति प्रतियोगिता परीक्षा, झारखंड सचिवालय आशुलिपिक प्रतियोगिता परीक्षा आदि के आयोजन की तिथियां अगले माह घोषित हो सकती हैं। इधर, जेपीएससी में अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद सभी लंबित परीक्षाएं पूरी होंगी। इस आयोग में लगभग आधा दर्जन प्रतियोगिता परीक्षाएं अध्यक्ष के नहीं होने से लंबित हैं।
बता दें कि झारखंड में JPSC परीक्षा के मेंस का रिजल्ट अभी तक नहीं निकल पाया है। दुर्भाग्य की बात यह है कि पूरे 5 साल में केवल एक बार ही JPSC की परीक्षा लेकर रिजल्ट दिया गया है। दूसरी बार परीक्षा हुई, लेकिन अभी तक मेंस का रिजल्ट भी जारी नहीं हो पाया है। छात्रों का कहना है कि झारखंड सरकार प्रत्येक साल JPSC की परीक्षा नियमित रूप से लेने की कोशिश करे।