त्रिपुरा में कथित सांप्रदायिक दंगों को लेकर महाराष्ट्र में तनाव की स्थिति है। इसे लेकर शनिवार को अमरावती, नांदेड और मालेगांव में हिंसा भड़क गई थी। स्थिति को काबू करने के लिए अमरावती में चार दिनों के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया है और इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं। महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वालसे पाटिल ने कहा कि चार दिनों के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया है। इसके साथ ही इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं ताकि अफवाहें ना फैलें।
उन्होंने कहा कि अमरावती में स्थिति नियंत्रण में है। हिंसा में कोई हताहत नहीं हुआ है। उन्होंने आगे कहा, मामले की निश्चित रूप से जांच की जाएगी। हम उन रैलियों की जांच करेंगे जो महाराष्ट्र में त्रिपुरा में हुई घटनाओं को लेकर निकाली गई थीं। हम नुकसान का भी आकलन करेंगे। रिपोर्ट आने के बाद मैं आपको आगे कुछ बता पाऊंगा। दिलीप वालसे ने कहा, मैं आपको आज नहीं बता सकता लेकिन हम इसकी जांच करेंगे। रजा अकादमी हो या कोई अन्य संगठन रैली के पीछे उनके मकसद की जांच की जाएगी।
बता दें कि त्रिपुरा में हालिया हिंसा के विरोध में एक दिन पहले (शुक्रवार को) मुस्लिम संगठनों द्वारा आयोजित रैलियों के विरोध में स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं ने शनिवार को आयोजित बंद का आयोजन किया था। उसी दौरान भीड़ ने कुछ दुकानों पर पथराव किया जिससे हालात बिगड़ गए।
उल्लेखनीय है शुक्रवार को त्रिपुरा में अमरावती, नांदेड़, मालेगांव, वाशिम और यवतमाल में मुस्लिम संगठनों द्वारा निकाली गई रैलियों के दौरान पथराव की सूचना मिली थी। अमरावती में एक ज्ञापन सौंपने के लिए शुक्रवार को आठ हजार से अधिक लोग जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर जमा हुए थे। ज्ञापन सौंपकर जब लोग निकले तो कोतवाली थाना क्षेत्र के चित्रा चौक और कपास बाजार के बीच तीन जगह पथराव हुआ। पथराव के बाद अमरावती शहर में हिंसा शुरू गई। कई इलाकों में दुकानें जला दी गईं। शुक्रवार की हिंसा के विरोध में ही शनिवार को अमरावती में हिंदू समुदाय की ओर से प्रदर्शन का आयोजन किया गया। शुक्रवार की घटनाओं के संबंध में पुलिस ने अब तक 20 प्राथमिकी दर्ज कर 20 लोगों को गिरफ्तार किया है और चार अन्य को हिरासत में लिया है।