कांग्रेस ने गरीबों को सिर्फ नारे दिए, पीएम मोदी ने संसाधन: अरुण जेटली

नई दिल्‍ली। केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने बार फिर अपने ब्‍लॉग के जरिए कांग्रेस पार्टी पर हमला बोला है। उनका कहना है कि कांग्रेस पार्टी ने सालों तक सिर्फ ग्रामीण भारत का नारा दिया, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसाधन उपलब्‍ध कराए। इसी का नतीजा है कि भारत की अर्थव्‍यवस्‍था में लगातार सुधार हो रहा है और विश्‍व बैंक ने भी इस पर अपनी मुहर लगा दी है।

जेटली ने लिखा, ‘हाल ही में जारी विश्व बैंक के आंकड़ों से पता चलता है कि भारत अब छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, जिसकी वजह से फ्रांस सातवें स्थान पर खिसक गया है। हालांकि, आबादी के आकार में असमानता के कारण, दोनों देशों की प्रति व्यक्ति में एक बहुत ही महत्वपूर्ण अंतर होगा। लेकिन हम अनुमानित दर से बढ़ते रहते हैं, तो संभव है कि अगले वर्ष हम ब्रिटेन से पहले पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे। पिछले चार वर्षों से सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था होने के नाते, हम अगले दशक को आर्थिक विस्तार के रूप में देख सकते हैं। दरअसल, हमने व्यवसाय करने में आसानी और एक पसंदीदा निवेश गंतव्य के रूप में भारत की रैंकिंग में पहले से ही एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। हालांकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों और व्यापार युद्ध के कारण आज हम वैश्विक चुनौती के बीच में परीक्षण करने के लिए खड़े हैं।’

उन्‍होंने बताया, ‘जाहिर तौर पर हमें तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के कई फायदें देखने को मिल रहे हैं। इसमें अधिक खपत, अधिक उत्पादन, अधिक उद्योग, सेवा क्षेत्र का विस्तार, अधिक शहरीकरण, अधिक नौकरियां, अधिक आर्थिक गतिविधि और निश्चित रूप से अधिक राजस्व शामि है। जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्‍ता संभाली है, तब से प्रदर्शन में लगातार सुझार हुआ है। हम देश के लोगों के एक वर्ग के गरीबी के स्तर को कम करने में कितनी जल्दी सक्षम होते हैं, अब सरकार के सामने यह एक बड़ी चुनौती है?’

केंद्रीय मंत्री ने बताया, ‘इस संबंध में मोदी सरकार का दृष्टिकोण बिल्‍कुल स्‍पष्‍ट है। हम कांग्रेस पार्टी की 1970 और 1980 की नीति को नहीं अपनाएंगे। इस दौरान कांग्रेस पार्टी ने सिर्फ लुभावने नारे दिए थे। तब ‘गरीबी हटाओ’ का नारा दिया गया, लेकिन धरातल पर इस भ्रमित दृष्टिकोण का कोई लाभ देखने को नहीं मिला। लेकिन इसके विपरीत, वर्तमान प्रधानमंत्री नारे देने में नहीं काम करने में यकीन रखते हैं। उन्होंने ऐसे मुश्किल लक्ष्य और कार्यक्रमों की घोषणा की जो पहली नजर में असंभव तो नहीं, लेकिन बेहद मुश्किल प्रतीत होते हैं। वह वास्तविक कार्यान्वयन के साथ इसका पालन करते हैं और अपना वादा पूरा करके दिखाते हैं। इसलिए, ग्रामीण भारत की शक्‍ल लगातार बदल रही है।’

उन्‍होंने बताया कि चालू वर्ष में, बजट, अतिरिक्त बजट और गैर-बजटीय संसाधनों दोनों ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका और बुनियादी ढांचे के लिए खर्च की जाने वाली कुल राशि 14.34 लाख करोड़ रुपये है। सामाजिक क्षेत्र व्यय जो ग्रामीण क्षेत्रों को भी लाभ देता है, इसके अतिरिक्त है। वितरित कृषि ऋण 11 लाख करोड़ रुपये है। किसान क्रेडिट कार्ड मत्स्य पालन और पशुपालन तक बढ़ा दिए गए हैं। खरीफ फसलों की एमएसपी बढ़ा दी गई है। 10881 करोड़ रुपये के व्यय के साथ किसानों की आमदनी और डेयरी आधारभूत संरचना विकास कोष को दोगुना करने के लिए मंजूरी दे दी गई है। ऐसी योजनाओं की फेहरिस्‍त बेहद लंबी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पारंपरिक सोच प्रक्रिया को हिलाकर रख दिया है और यह सुनिश्चित किया कि ग्रामीण भारत और कम विशेषाधिकार प्राप्त लोगों को संसाधनों का पहला अधिकार प्राप्त हो। कांग्रेस ने भारत के गरीबों को सिर्फ नारा दिया। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें संसाधन दिए हैं। इससे तेजी से विकास सुनिश्चित होगा और गरीबी में तेजी से कमी आएगी।

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