चमोली: उत्तराखंड में मानसून जानलेवा साबित हो रहा है। शुक्रवार सुबह चमोली जिले की नीति घाटी में बादल फटने से सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के श्रमिक का डेरा ध्वस्त हो गया। हादसे में पति-पत्नी और दो बच्चों के साथ ही एक अन्य की भी मौत हो गई है। इसके अलावा तमक गांव के 12 मकान भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। मलारी हाईवे का 150 मीटर भाग बहने से चीन सीमा से संपर्क भी कट गया है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और प्रशासन के साथ सेना की टीम भी अन्य शवों की तलाश कर रही है।
बदरीनाथ के पास लामबगड़ में बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग का करीब 70 मीटर हिस्सा बहने से वाहनों का आवागमन ठप हो गया है। यात्रियों को पैदल ही वैकल्पिक मार्ग से एक छोर से दूसरे छोर पर पहुंचाया जा रहा है।
बीते एक सप्ताह में यह बादल फटने की पांचवी घटना है। इससे पहले रविवार को चमोली में ही दो स्थानों पर बादल फटने से भारी तबाही हुई थी। इसके बाद सोमवार की आधी रात को यमुनोत्री धाम के साथ ही उत्तरकाशी के मोरी ब्लॉक में कुदरत का कोप देखने को मिला था।
नीति घाटी में सुबह टूटा कहर
चमोली में गुरुवार रात से ही बारिश का क्रम जारी है। प्रशासन के अनुसार सुबह करीब पांच बजे जोशीमठ से 42 किलोमीटर दूर चीन सीमा को जोडऩे वाले मलारी हाईवे पर भापकुंड नामक स्थान पर तमक नाले में जबरदस्त उफान आया। उफान की चपेट में श्रमिकों के छह डेरे आए। श्रमिकों ने किसी तरह भागकर जान बचाई, लेकिन एक परिवारको इतना मौका नहीं मिला। का डेरा पूरी तरह से ध्वस्त हो गया। जोशीमठ के उप जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह ने बताया कि डेरे में उस वक्त पति-पत्नी और दो बच्चे थे। ये सभी नेपाल के रहने वाले थे। राहत और बचाव कार्यों में जुटी टीम ने मलबे से सभी शव निकाल लिए हैंै। इसके अलावा घटना स्थल के पास ही तमक गांव के 12 मकानों में मलबा घुस गया।
बदरीनाथ मार्ग पर भी वाहनों की आवाजाही बंद
बदरीनाथ के पास हाईवे पर लामबगड़ भूस्खलन जोन फिर सक्रिय हो गया है। निकटवर्ती नाले में आई बाढ़ से 70 मीटर हाईवे बह गया। इससे दोनों ओर वाहनों की कतार लग गई है। बीआरओ हाईवे की मरम्मत में जुट गई है। बदरीनाथ जाने वाले वाहनों को जोशीमठ और पांडुकेश्वर में रोका गया है। दूसरी ओर गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी गुरुवार देर रात गंगोत्री के निकट गंगनानी में मलबा आने से आवाजाही बाधित रही। हालांकि दोपहर बाद यातायात सुचारु कर लिया गया। केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात सुचारु रहा। प्रदेश में मलबे से तीन दर्जन मार्ग अब भी बंद हैं।
कैलास-मानसरोवर यात्री भी फंसे
खराब मौसम का असर कैलास-मानसरोवर यात्रा पर भी पड़ रहा है। चार दिन से आठवां दल पिथौरागढ़ में ही फंसा है। दल में 58 सदस्य हैं। मौसम के तेवरों के मद्देनजर पिथौरागढ़ से गुंजी के बीच हेली उड़ान नहीं हो पा रही है। इसके अलावा यात्रा पूरी कर चुके पांचवे और छठे दल के 59 और 55 सदस्य भी गुंजी से पिथौरागढ़ लौटने का इंतजार कर रहे हैं।
शनिवार से भारी बारिश की चेतावनी
मौसम विभाग ने शनिवार से प्रदेश में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी है। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि मौसम के लिहाज से रविवार और सोमवार अधिक संवेदनशील हैं। इस दौरान उन्होंने यात्रियों को सतर्क रहने की सलाह दी है।