केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा से सरकार और किसानों के बीच पिछले 14 महीने से चल रहा टकराव खत्म होने की उम्मीद बनी है। 29 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में इन कानूनों को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के विधेयकों को आगामी संसद सत्र में पेश किया जाएगा। भारत सरकार ने 29 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र के लिए लोकसभा बुलेटिन में द फार्म लाज रिपील बिल, 2021 को सूचीबद्ध किया गया है। संसद के दोनों सदनों से कानूनों की वापसी का विधेयक पारित होने के बाद उस पर राष्ट्रपति अंतिम मुहर लगाएंगे। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के साथ ही उसे गजट में प्रकाशित किया जाएगा।
लोकसभा बुलेटिन के अनुसार द फार्म लाज रिपील बिल, 2021 विधेयक ‘किसान’ उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020, किसान (सशक्तीकरण और संरक्षण) मूल्य आश्वासन समझौता, कृषि सेवा अधिनियम, 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 को निरस्त करने के लिए पेश किया जाएगा।
इससे पहले शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि केंद्र इस महीने के अंत में शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में तीन कृषि कानूनों को निरस्त करेगा और आवश्यक विधेयक लाएगा। प्रधानमंत्री ने यह भी घोषणा की थी कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर काम करने के लिए एक समिति का गठन करेगी।
केंद्र द्वारा 2020 में कानून पारित किए जाने के बाद से ही किसान संगठन लगातार तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। सरकार के फैसले के बावजूद आंदोलनकारी संगठनों ने कानूनों की संसद में वापसी तक आंदोलन जारी रखने का फैसला किया है।