असम में बाढ़ ने भीषण तबाही मचाई हुई है। 31 जिलों के छह लाख 80 लाख से ज्यादा लोग बाढ़ में प्रभावित हैं। बाढ़ के जारी कहर को देखते हुए वायुसेना ने मोर्चा संभाल लिया है। वायुसेना के जवान राहत और बचाव कार्य में जुटे हुए हैं। वह बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के साथ ही बचाव दल और राहत सामग्री को बाढ़ के कारण कटे हुए क्षेत्रों में भी पहुंचा रहे हैं।
शुक्रवार को बाढ़ की स्थिति में थोड़ा सुधार देखने को मिला था, लेकिन नगांव, होजई, कछार, दरांग, मोरीगांव और करीमगंज जिलों में बाढ़ की स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है।
आपातकालीन उड़ान सेवा शुरु
असम में बाढ़ के कारण परिवहन संपर्क बाधित है, जिसके चलते उड़ान योजना के तहत गुवाहाटी और सिलचर के बीच एक आपातकालीन उड़ान सेवा शुरू की गई है। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया कि इस उड़ान सेवा में टिकट की लागत 3,000 रुपये प्रति सीट होगी।
नगांव जिले में 3.36 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य के 29 जिलों में करीब 7.12 लाख लोग बाढ़ की चपेट में हैं। अकेले नगांव जिले में 3.36 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं, जबकि कछार जिले में 1.66 लाख, होजई में 1.11 लाख और दरांग जिले में 52,709 लोग प्रभावित हुए हैं।
बाढ़ प्रभावितों के लिए स्थापित किए गए कैंप
रिपोर्ट के अनुसार 80036.90 हेक्टेयर फसल भूमि और 2,251 गांव अभी भी जलमग्न हैं। बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए सुरक्षित स्थानों पर कैंप स्थापित किए गए हैं। जिला प्रशासन द्वारा स्थापित 234 राहत शिविरों में वर्तमान में कुल 74705 बाढ़ प्रभावित लोग रह रहे हैं।