विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने प्रदूषण के लिए भाजपा को ठहराया जिम्मेदार

दिल्ली विधानसभा के एक दिवसीय विशेष सत्र शुरू होते ही सदन में जोरदार हंगामा हो गया। दिल्ली विधानसभा में सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष के साथियों ने वायु प्रदूषण पर हंगामा किया। इस पर विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने प्रदूषण के लिए भाजपा को ही जिम्मेदार ठहराया। इस दौरान उन्होंने कहा कि भाजपा ने ही रोक के बावजूद दिल्ली में खूब पटाखे फोड़े। इस पर गुस्से में विधानसभा अध्यक्ष वायु प्रदूषण को लेकर अपना दर्द भी बयां कर गए। राम निवास गोयल ने कहा कि एक महीने से मेरी पत्नी घर से बाहर नहीं निकली।

इससे पहले दिल्ली विधानसभा के एक दिवसीय विशेष सत्र  की शुरुआत बृहस्पतिवार को  वंदेमातरम से हुई।  इस मौके पर पूर्व विधायक ताजदार बाबर, रूपचंद और अरविंदर सिंह के साथ-साथ तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली-एनसीआर की सीमाओं पर मारे गए किसानों को भी श्रद्धांजलि प्रदान की गई। इसके साथ ही संविधान दिवस पर सभी सदस्यों ने प्रस्तावना भी पढ़ी।

बता दें कि कृषि से जुड़े मुद्दे पर चर्चा के लिए शुक्रवार को बुलाया है। इस सत्र में दिल्ली के किसानों, उन्हें दिए जाने वाली सुविधाएं, देश में किसानों के हालात, विरोध-प्रदर्शन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों को श्रद्धांजलि देने, फसलों की एमएसपी, मंडियों की उपयोगिता सहित अन्य विषयों पर चर्चा की जाएगी।

दिल्ली विधानसभा के एक दिवसीय विशेष सत्र के दौरान जहां सत्ता पक्ष के पार्षद किसानों के हितों के पक्ष में आवाज उठाएंगे वहीं विपक्ष कई मुद्दों को लेकर हंगामा कर सकता है।

इस दौरान उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय का वर्ष 2019-20 हेतु छठा वार्षिक प्रतिवेदन और इंद्रप्रस्थ सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली (आईआईआईटीडी) के वित्तीय वर्ष 2019-20 के लेखा पर भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की लेखा परीक्षा रिपोर्ट तथा कृत्य कार्रवाई रिपोर्ट सदन पटल पर रखेंगे।

वहीं सदस्य राखी बिड़लान और भावना गौड़ सदन में प्रश्न एवं संदर्भ समिति का प्रथम प्रतिवेदन प्रस्तुत करेंगी। इसके बाद विशेष उल्लेख (नियम-280) के तहत मामले उठाए जाएंगे। विकास मंत्री गोपाल राय कृषि कानूनों और किसान आंदोलन के संबंध में सरकारी संकल्प सदन में रखेंगे। इस पर चर्चा की जाएगी और बाद इसे पारित किया जाएगा।

गौरतलब है कि पिछले सप्ताह शुक्रवार के ही दिन गुरुनानक पर्व पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन के दौरान तीनों केंद्रीय केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया था। इसके बाद पिछले दिनों इसे कैबिनेट की बैठक में भी मंजूरी मिल गई है।

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