कांग्रेसी नेता कीर्ति आजाद मंगलवार को कांग्रेस को छोड़ तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लेंगे। कांग्रेस से पहले वो भारतीय जनता पार्टी में भी रह चुके हैं। दिसंबर 2015 में उन्हें भाजपा से बाहर कर दिया गया था। इसकी वजह थी कि उन्होंने तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली पर कई तरह के आरोप लगाए थे। उन्होंने दिल्ली और डिस्ट्रिक क्रिकेट एसोसिएशन में अनियमितता को लेकर जेटली पर निशाना साधा था। इसको देखते हुए ही उन्हें भाजपा ने पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया था।
बता दें कि कीर्ति आजाद भाजपा के ही टिकट पर तीन बार बिहार की दरभंगा सीट से निर्वाचित होकर संसद पहुंचे हैं। वर्ष 2014 में उन्होंने भाजपा के ही टिकट पर चुनाव लड़ा था और जीता भी था। भाजपा से बाहर किए जाने के बाद उन्होंने वर्ष 2018 में कांग्रेस का दामन थामा था। गौरतलब है कि क्रिकेटर से राजनेता बने कीर्ति आजाद 1983 में वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा भी थे।
आपको यहां पर ये भी बताना जरूरी है कि टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी सोमवार से दिल्ली में हैं। वो यहां पर कांग्रेस की कार्यवाहक अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करने वाली हैं। इसके अलावा वो पीएम नरेंद्र मोदी से भी मिलेंगी। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी मिलने का समय मांगा था। इन सभी से ममता की मुलाकात के अलग-अलग मुद्दे हैं। पीएम मोदी से उनकी मुलाकात सीमा सुरक्षा बल का दायरा बढ़ाने को लेकर है, जबकि अमित शाह से उन्हें त्रिपुरा में अपनी नेता की गिरफ्तारी के मुद्दे पर मिलना है। सोनिया गांधी से मिलने की वजह कहीं न कहीं आगामी विधानसभा चुनाव हैं।
कहा जा रहा है कि ममता बनर्जी की मौजूदगी में ही आजाद टीएमसी को ज्वाइन करेंगे। बता दें कि ममता इससे पहले जुलाई में तब दिल्ली आई थीं, जब उनकी पार्टी ने पश्चिम बंगाल में जबरदस्त जीत हासिल की थी। उस वक्त भी उन्होंने पीएम मोदी से मुलाकात की थी।