मसूरी। मसूरी वन प्रभाग में हिलदारी के सहयोग से मसूरी का पहला कंपोस्टिंग पिट बनाया गया जिसमें वन प्रभाग के सभी 35 परिवारों के गीले कूड़े का निस्तारण कर खाद बनायी जायेगी। इसका उदघाटन मसूरी वन प्रभाग की उपवन संरक्षक कहकशां नसीम ने किया।
मसूरी वन प्रभाग परिक्षेत्र में मसूरी के पहले कंपोस्टिंग पिट के उदघाटन करने के बाद अपने संबोधन में उपवन संरक्षक कहकशां नसीम ने कहा कि हिलदारी के सहयोग से ही यह संभव हो पाया है और इसका श्रेय मसूरी वन प्रभाग को मिला है। उन्होंने कहा कि इस कंपोस्टिंग पिट के बनाये जाने से वन विभाग परिक्षेत्र में रहने वाले सभी कर्मचारियों के घरों का गीला कूड़ा इस पिट में डाला जायेगा जिसे ेहिलारी के सहयोग से कंपोस्ट किया जायेगा व इससे बनने वाली खाद का प्रयोग वन विभाग की नर्सरी व अन्य स्थानों पर किया जायेगा। उन्होंने कहा कि हमारे देश में जहां साइंस एवं टेक्नोलॉजी का कार्य विश्व में अच्छे स्तर पर हो रहा है लेकिन गंदगी में ंहमारा देश पड़ोसी देशों से भी पीछे है। लेकिन प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी के प्रयासों से स्वच्छ भारत अभियान के तहत अब इस ओर ध्यान दिया जा रहा है और आम जनता भी इस बात को समझने लगी है। उन्होंने कहा कि मसूरी पर्यटक स्थल है और यहां पर स्वच्छता महत्वपूर्ण है ताकि बाहर से आने वाले पर्यटकों को अच्छा संदेश मिले। इस मौके पर हिलदारी के प्रबंधक अरविंद शुक्ला ने कहा कि हिलदारी के प्रयासों को मसूरी वन प्रभाग ने धरातल पर उतारा है और किसी भी विभाग का मसूरी का पहला कंपोस्टिंग पिट बनाया गया है। इसका श्रेय उपवन संरक्षक कहकशां नसीम को जाता है जिन्होंने इसमें पूरा सहयोग किया व विभागीय बेकार पड़ी निर्माण सामग्री का इसमें प्रयो किया। उन्होंने कहा कि पहले यहां का कूड़ा कीन संस्था के माध्यम से निस्तारित किया जाता था लेकिन अब यहां का कूड़ा यही ंपर रहेगा व कंपोस्ट कर खाद बनाई जायेगी इसका उपयोग विभाग के कार्या में होगा। अगर बचेगा तो इसको बेचा भी जा सकता है। उन्हांने कहा कि हिलदारी का प्रयास है कि इस तरह के रचनात्मक कार्य अन्य विभाग की वन विभाग से प्रेरणा लेकर करें खास कर मसूरी पर्यटक स्थल होने के साथ यहां पर अनेक होटल है वहीं बड़ी संख्या में आवासीय विद्यालय भी है अगर ये लोग भी इस तरह के कंपोस्टिंग पिट बनायेगे तो इससे जहां गंदगी कम होगी वहीं इसका लाभ उन प्रतिष्ठानों को भी मिलेगा। इस मौके पर कीन के अशोक महेंद्रू, वन दरोगा जगजीवन, विभाग के अधिकारी, कर्मचारियों सहित विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधि एवं हिलदारी के कार्यकर्ता मौजूद रहे।