श्रीनगर, गढ़वाल : व्यवस्थाओं से खफा होकर राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआइटी) से 900 छात्र-छात्राओं के एक साथ घर चले जाने से प्रबंधन की नींद उड़ी हुई है। प्रबंधन ने छात्र-छात्राओं के साथ ही उनके अभिभावकों को ई-मेल कर वापस आने का बुलावा भेजा है। साथ ही अनुशासन का डर भी दिखाया है।
हालांकि छात्र-छात्राओं की तरफ से देर रात तक कोई रेस्पांस नहीं मिला था। संस्थान में पूरे दिन इसको लेकर बैठकों का दौर चलता रहा। इधर, घटनाक्रम के बाद किरकिरी से बचने के लिए राज्य सरकार ने गढ़वाल मंडल के आयुक्त शैलेश बगोली को मसले का समाधान का जिम्मा सौंप दिया है।
देश की कुल 31 एनआइटी में रैंकिंग में सबसे निचले पायदान पर खड़े इस संस्थान में पढ़ रहे छात्र-छात्राएं स्थायी परिसर का निर्माण जल्द शुरू कराने और तब तक अस्थायी परिसर अन्यत्र शिफ्ट करने की मांग को लेकर आंदोलित हैं। इसको लेकर 19 दिनों तक कक्षाओं का बहिष्कार करने के बाद बीते रोज 900 छात्र-छात्राएं संस्थान छोड़कर अपने घर चले गए हैं। उन्होंने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय, उत्तराखंड की राज्यपाल और मुख्यमंत्री को ई-मेल के जरिये अपनी दिक्कतें बताई हैं।छात्र-छात्राओं के इस कदम से एनआइटी प्रबंधन सकते हैं।
बुधवार को आनन-फानन प्रबंधन ने छात्र-छात्राओं और उनके अभिभावकों से संपर्क करने का प्रयास किया। कुलसचिव कर्नल सुखपाल सिंह ने बताया कि जो छात्र-छात्राएं बिना बताए संस्थान से चले गए हैं, उनके अभिभावकों को ई-मेल से सूचित कर अपने बच्चों को तुरंत संस्थान भेजने के लिए कहा गया है। छात्रों को भी ई-मेल से सूचना देकर तुरंत लौटने को कहा गया है। उनका कहना था कि बिना अनुमति जाने वाले छात्रों के खिलाफ अनुशासनहीनता की कार्रवाई की जाएगी। केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों को वस्तुस्थिति से अवगत करा दिया गया है।
कमिश्नर को समस्या के समाधान का जिम्मा
छात्र-छात्राओं के श्रीनगर गढ़वाल स्थित एनआइटी छोडऩे का मामला तूल पकडऩे के बाद बुधवार को राज्य सरकार भी सक्रिय हो गई है। कहा जा रहा है कि, एनआइटी के स्थायी कैंपस के लिए भूमि जल्द मुहैया कराई जाएगी। छात्र-छात्राओं की अन्य समस्याओं के समाधान का जिम्मा गढ़वाल मंडलायुक्त शैलेश बगोली को दिया गया है।
बुधवार को उन्होंने संस्थान के प्रबंधन से इस संबंध में वार्ता की। संपर्क करने पर मंडलायुक्त शैलेश बगोली ने बताया कि स्थायी कैंपस के लिए भूमि संबंधी दिक्कत के समाधान को शासन को सूचित किया जा रहा है। हॉस्टल तक पास-वे बनाने और ट्रैफिक व्यवस्था को जल्द दुरुस्त किया जाएगा। इसके लिए मौजूदा व्यवस्थाओं का परीक्षण किया जा रहा है।
समस्या के समाधान के दिए गए निर्देश
उच्च शिक्षा राज्य मंत्री एवं क्षेत्रीय विधायक डा.धन सिंह रावत के अनुसार एनआइटी को पर्वतीय क्षेत्र से हटाने की एक मुहिम भी चल रही है। राज्य सरकार इसे वहीं रखने के पक्ष में है। इसके लिए 122 एकड़ जमीन मुहैया कराई जा रही है। छात्रों की अन्य समस्याओं के समाधान के भी निर्देश दिए गए हैं। इस संबंध में आज केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के साथ ही सीएम से भी वार्ता की गई।
वहीं अपर मुख्य सचिव तकनीकी शिक्षा ओमप्रकाश का कहना है कि राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के लिए स्थायी कैंपस के लिए भूमि जल्द मुहैया कराई जाएगी।