उत्तराखंड में बारिश से 201 सड़कें अवरुद्ध, गंगा का जलस्तर चेतावनी रेखा तक पहुंचा

उत्तराखण्ड

देहरादून: मानसून की बारिश मुसीबत बनकर बरस रही है। बारिश से भूस्खलन और मलबा आने के कारण राज्य में 201 मोटर मार्ग अवरुद्ध हैं। वहीं, हरिद्वार में गंगा का जलस्तर चेतावनी रेखा के पार पहुंच गया। उधर, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने राज्य आपदा प्रबंधन को किसी भी स्थिति से निपटने के सतर्क रहने के निर्देश दिए। मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्वानुमान के अनुसार आने वाले 24 घंटे में उत्तराखंड के अनेक स्थानों में हल्की से मध्यम बारिश होने के आसार हैं।

गंगा का जल स्तर बढ़ा 

हरिद्वार में गंगा का जलस्तर  चेतावनी के निशान पर पहुंच गया। ,  इसके मद्देनजर जिले में अलर्ट जारी कर दिया गया है। सभी 13 बाढ़ चौकियों को सतर्क रहने के साथ-साथ  प्रशासनिक अमले को भी  सतर्क कर दिया गया है।

चेतावनी का निशान 293 मीटर पर है, जबकि  खतरे का निशान 294 मीटर पर है। गत रात दस बजे गंगा का जल स्तर 292.45 मीटर पर था। पूरी रात में पहाड़ों पर हुई बारिश से यह देर रात बढ़ने लगा। फिलहाल गंगा 293 मीटर पर बह रही है। जिला आपदा कंट्रोल रूम ने बताया स्थिति पर नजर रखी जा रही है।

चमोली में सुबह कुछ राहत लेकर आई और बारिश थम गई। बदरीनाथ हाईवे पर यातायात सुचारु है। वहीं जनपद के 26 संपर्क मोटर मार्ग बंद होने से करीब 70 से अधिक गांवों का संपर्क कटा अन्य क्षेत्रों से कटा हुआ है।

उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री हाईवे पर यातायात सुचारु है। यमुनोत्री हाईवे डाबरकोट व हनुमान चट्टी के पास भूस्खलन से बंद है। जिले में आठ  संपर्क मार्ग बंद हैं। इससे करीब 25 गांवों का सड़क संपर्क कटा हुआ है।रुद्रप्रयाग में केदारनाथ समेत पूरे जिले में हल्की बारिश का दौर जारी है। वहीं, केदारनाथ हाइवे यातायात के लिए सुचारु है।

कोटद्वार व आसपास के क्षेत्रों में रात को हलकी बारिश। लक्ष्मण झूला-दुगड्डा-नैनीडांडा राज्यीय राजमार्ग पर सन्धिखल के समीप पेड़ गिरने से राजमार्ग बंद हो गया था। सुबह सात बजे राजमार्ग को यातायात के लिए खोल दिया गया। क्षेत्र में अभी सात संपर्क मार्ग बन्द हैं। कुमाऊं मंडल में अल्मोड़ा पिथौरागढ़ आदि क्षेत्रों में भी बारिश का दौर जारी है।

उधर, गौहरीमाफी गांव के 150 परिवारों को लगातार सातवें दिन भी माध्यमिक विद्यालय, रायवाला के राहत कैंप में ही रहना पड़ा। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की ओर से दावा किया जा रहा है कि गौहरीमाफी गांव के प्रभावित परिवारों को प्रशासन की ओर से हर संभव मदद की जा रही है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी की ओर से रायवाला राहत शिविर में अस्थायी स्वास्थ्य केंद्र भी खोला गया है।

प्रदेश में सबसे अधिक 41 सड़कें पौड़ी जिले में अवरुद्ध हैं। जबकि टिहरी जिले में 38, चमोली जिले में 26, देहरादून जिले में 28 सड़कें बंद हैं। रुद्रप्रयाग, चमोली, पौड़ी, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़ एवं बागेश्वर जिलों में नदी-नाले, गदेरों का वेग ग्रामीणों को डरा रहा है। कैलाश मानसरोवर यात्रा के सातवें एवं आठवें दल के कुल 90 यात्री मौसम खराब होने के कारण वापसी के लिए गुंजी में रोके गए हैं।

दून में एक-दो दौर बारिश के आसार

मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून के निदेशक बिक्रम सिंह के मुताबिक अगले 24 घंटे में दून एवं आसपास के क्षेत्रों में एक-दो दौर तेज बारिश के हो सकते है। अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान 31 व 22 डिग्री सेल्सियस रहने के आसार हैं।

एसडीआरएफ-डीएम रहें मुस्तैद: मुख्य सचिव

मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह इंवेस्टर समिट के सिलसिले में लंदन में हैं। उन्होंने राज्य में लगातार हो रही बारिश से उत्पन्न स्थिति का दूरभाष के जरिये जायजा लिया। उन्होंने निर्देश दिए कि एसडीआरएफ व जिला अधिकारी मुस्तैद रहें। बंद सड़कों को खोलने, मलबा हटाने, बाधित पेयजल और बिजली आपूर्ति बहाल के लिए त्वरित कार्य करें।

बाढ़ प्रभावितों के लिए प्रशासन ने खोला राहत कैंप

पिछले सात दिनों से बाढ़ से घिरे ऋषिकेश क्षेत्र के गौहरीमाफी गांव में प्रशासन राहत पहुंचाने में आखिर सफल रहा। प्रशासन ने यहां 96 बाढ़ प्रभावितों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के साथ गांव के 150 बाढ़ प्रभावितों के लिए राहत कैंप खोला है। जहां उनके भोजन व उपचार की समुचित व्यवस्था की गई है।

जिलाधिकारी देहरादून एसए मुरूगेशन ने बताया कि गौहरीमाफी में सौंग नदी का जलस्तर बढ़ने से गांव में पानी घुस गया था, जिससे यहां बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए। जिला प्रशासन ने अभी तक 42 पुरुष, 14 महिला व दस बच्चों सहित कुल 96 बाढ़ से प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों में पहुंचाया है।

माध्यमिक विद्यालय रायवाला में राहत कैंप स्थापित कर 150 प्रभावितों के लिए भोजन एवं चिकित्सा व्यवस्था की जा रही है। प्रभावित क्षेत्र में खाद्य सामग्री व रसोई गैस की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित की जा चुकी है। साथ ही प्रभावित गांव में ही चिकित्सा शिविर भी स्थापित किया गया है। जिला प्रशासन प्रभावित परिवारों के भवनों की क्षति का आंकलन कर क्षतिपूर्ति वितरण की कार्यवाही कर रहा है। अतिवृष्टि से प्रभावित 18 परिवारों को सुरक्षित स्थानों आनंदमाई इंटर कॉलेज, कैंसर अस्पताल गौहरीमाफी, पंचायत भवन सहित उनके निकट संबंधियों के यहां पर पहुंचाया गया। राहत कैंप से खाद्य सामग्री दूध, चीनी, आटा, चावल, दाल, तैल, गैस सिलैंडर, आलू आदि वितरित किए गए। 35 क्विंटल चावल और 25 क्विंटल गेहूं गौहरीमाफी की राशन की दुकान में भंडारित है।

जिला पूर्ति अधिकारी ने बताया कि गौहरीमाफी में अगस्त तक का खाद्यान्न पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। 100 लीटर मिट्टी का तेल आसपास के जनरल स्टोर में उपलब्ध है। गांव में बिजली व पानी की आपूर्ति सुचारु कर दी गई है।

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