निःस्वार्थ सेवा की मिसाल बनीं पौड़ी जनपद की नर्सिंग अधिकारी

पौड़ी। अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस हर साल 12 मई को दुनिया भर में चिकित्सा क्षेत्र में नर्सों के अतुलनीय योगदान को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है। यह दिन केवल उनके कार्यों को सराहने का अवसर नहीं है, बल्कि इस बात का भी प्रमाण है कि नर्सें स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ हैं।
पौड़ी जनपद में कार्यरत नर्सिंग अधिकारी इस बात का प्रत्यक्ष उदाहरण हैं कि सेवा भाव, समर्पण और निष्ठा से किया गया कार्य न केवल दूसरों के जीवन को बदलता है, बल्कि स्वयं को भी संतोष और गौरव की अनुभूति कराता है।

नर्सिंग को बना लिया जीवन का लक्ष्य

सी.एच.सी. थलीसैंण में कार्यरत नर्सिंग अधिकारी लक्ष्मी का कहना है कि रोगियों के प्रति सेवा भाव हमारी पहली प्राथमिकता है। यह मेरा सौभाग्य है कि मैं इस माध्यम से समाज की सेवा कर पा रही हूं। वहीं बेस अस्पताल कोटद्वार की नर्सिंग अधिकारी लीना खरबंगा बताती हैं कि मुझे मरीजों की देखभाल करना अपने जीवन का कर्तव्य लगता है। जब कोई मरीज स्वस्थ होकर मुस्कुराता है और आभार प्रकट करता है, तो वही पल मेरे जीवन की सबसे बड़ी प्रेरणा बनता है। इसके अलावा उप जिला चिकित्सालय में तैनात नर्सिंग अधिकारी अनीता भारती कहती हैं, “स्टाफ नर्स ही सबसे पहले और आखिरी बार मरीज के संपर्क में रहती हैं। हम अपने निजी दुख-दर्द भूलकर मरीजों को प्राथमिकता देते हैं, यही हमारी पहचान है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. पारुल गोयल ने सभी नर्सिंग अधिकारियों को नर्स दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हमारे जनपद की 271 नर्सें चिकित्सा क्षेत्र की मजबूत नींव हैं। विषम भौगोलिक परिस्थितियों में भी वे अपने दायित्वों का पूर्ण निष्ठा से निर्वहन कर रही हैं।
डॉ. गोयल ने यह भी कहा कि “नर्सें केवल बुनियादी देखभाल नहीं करतीं, वे मरीज और चिकित्सक के बीच समन्वय बनाती हैं। महिला चिकित्सकों की अनुपस्थिति में भी नर्सिंग अधिकारी प्रसव, परिवार नियोजन और शिशु देखभाल जैसी जटिल जिम्मेदारियां सफलता से निभा रही हैं। पौड़ी जनपद की नर्सें अपने कार्यों से इस बात को सिद्ध कर रही हैं कि सच्ची नायिकाएं वही होती हैं जो बिना किसी दिखावे के हर दिन हर मरीज की भलाई के लिए तत्पर रहती हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *