मंत्री के जनता दर्शन कार्यक्रम में जहर खाकर जान देने वाले हल्द्वानी के ट्रांसपोर्टर प्रकाश पांडे की जान चले जाने के बाद उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। पांडे चले गए, उनके जाने का गम और ऊपर से कर्जा बरकरार। रही सही कसर सरकारी तंत्र ने पूरी कर दी।सुबह जिला मजिस्ट्रेट ने उनके परिवार को 10 लाख रुपये आर्थिक सहायता और पांडे की विधवा पत्नी को संविदा की नौकरी का भरोसा दिया गया और शाम को सरकार मुकर गई। सरकार का तर्क है कि पांडे ने खुदकुशी की थी, लिहाजा ऐसे मामले में सरकारी खजाने से मदद दे पाना संभव नहीं है। दुख की घड़ी में पांडे के परिवार के साथ किए गए इस व्यवहार पर उनके शुभचिंतक हैरान हैं। करीब तीन घंटे चली वार्ता के बाद नैनीताल के दीपेंद्र चौधरी ने बुधवार सुबह सरकार की तरफ से ट्रांसपोर्टर प्रकाश पांडे की पत्नी को संविदा की सरकारी नौकरी देने और परिवार के लिए 10 लाख रुपये सरकार से और दो लाख रुपये नागरिक संगठनों की तरफ से देने की घोषणा की गई। उन्होंने बाकायदा मीडिया को आधिकारिक रूप से बयान दिया। उसके बाद ही परिजनों ने प्रकाश के शव को अंतिम संस्कार के लिए उठने दिया। पर शाम होते-होते सरकार ने पांडे के परिजनों को सरकारी आर्थिक मदद देने के फैसले से इंकार कर दिया।
डीएम बोले, विधायक भगत ने दी थी मदद की जानकारी
डीएम चौधरी ने बताया कि मृतक के परिजनों को आर्थिक मदद दिलाने के लिए कालाढूंगी विधायक की सीएम से बात हुई थी। डीएम के अनुसार विधायक भगत ने ही उन्हें जानकारी दी थी कि सरकार की तरफ से प्रकाश के परिजनों को 10 लाख और उसकी पत्नी को नौकरी देने की जानकारी मिली थी, इसी आधार पर परिजनों को भरोसा दिया गया।
मेरी सीएम से फोन पर बात हुई थी : बंशीधर भगत
कालाढूंगी विधायक बंशीधर भगत ने बाताया बुधवार सुबह मैने सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को फोन कर प्रकाश के घर के हालात की जानकारी दी थी, जिसके बाद सीएम ने प्रकाश के परिजनों को 10 लाख रुपए की सरकारी मदद और मृतक की पत्नी को संविदा पर नौकरी देने की बात कही थी। सीएम कार्यालय को जल्द ही सूचना पहुंच जायेगी।
पांडे के परिजनों को मुआवजे पर फैसला नहीं
जहर खाकर मौत को गले लगाने वाले ट्रांसपोर्टर प्रकाश पांडे के परिजनों पर मुआवजा देने पर फिलहाल कोई फैसला नहीं हुआ। बुधवार को ये चर्चाएं सुर्खियों में रही कि सरकार ने पांडे के परिजनों को 10 लाख मुआवजा व पत्नी को संविदा पर नौकरी लगाने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री के मीडिया कार्डिनेटर दर्शन रावत ने इस तरह के किसी फैसले से इनकार किया है। सूत्रों ने बताया कि दरअसल, पांडे ने जहर खाकर जान दी है। ऐसे मामलों में आर्थिक सहायता देने का कोई प्रावधान नहीं है। यदि सरकार ऐेसे मामलों में भी आर्थिक सहायता देती है तो फिर इस तरह के केस बढ़ने की आशंका रहेगी। लिहाजा सरकार ने इसी वजह से प्रकाश पांडे के मामले में कोई निर्णय नहीं लिया है।