देहरादून। दिनोंदिन बढ़ते पृथ्वी के तापमान, कहीं बाढ़, कहीं सूखा, असामान्य मौसम, हरेक पर्यावरणीय समस्याओं के प्रति सरकारी तंत्र से लेकर आम जनमानस बेपरवाह बना हुआ है परन्तु देहरादून में कार्यरत गैर सरकारी संस्था अभ्युदय वात्सल्यम की इस दिशा में पहल सराहनीय है। संस्था ने विश्व पृथ्वी दिवस पर जहां अतिथियों को पौधे भेंट कर वृक्ष लगाने का संदेश दिया वहीं भविष्य की पीढ़ी को पर्यावरण का सरल भाषा में महत्व भी समझाया।
विश्व पृथ्वी दिवस पर अभ्युदय वात्सल्यम समिति द्वारा राजकीय प्राथमिक विद्यालय, चालांग ब्लाक रायपुर, देहरादून एवं राजकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय, नागल हटवाला, सहस्त्रधारा रोड, देहरादून में वृक्षारोपण के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण विषयक गोष्ठी का आयोजन की किया गया। संस्था की अध्यक्ष डा0 गार्गी मिश्रा ने भविष्य की पीढ़ी (बच्चों) को पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण से लेकर पालीथीन का प्रयोग रोकने व वृक्ष लगाने के महत्व को विस्तार से समझाया।
-पर्यावरण का शाब्दिक अर्थ सरल शब्दों में
इस अवसर पर डा0 मिश्रा ने बच्चों को बेहद सरल शब्दों में पर्यावरण का शाब्दिक अर्थ समझाया। पर्यावरण शब्द का निर्माण परित एवं आवरण से मिलकर बना है। परित का अर्थ है ‘‘हमारे चारों तरफ’’ एवं आवरण का अर्थ है ‘‘एक तरह का सुरक्षा घेरा’’ यानि पर्यावरण का शाब्दिक अर्थ है हमारे चारों तरफ सुरक्षा घेरा।
-अभ्युदय वात्सल्यम ने दिलाया संकल्प
संस्था की ओर से सभी को पांच संकल्प दिलाये गये जिनमें हर माह एक वृक्ष लगाने, स्थानीय स्तर पर उगाई जाने वाली सब्जियां खरीदने, यथा संभव पैदल चलने एवं वातावरण स्वच्छ रखना शामिल हैं।
-अतिथियों को पौधे दिये उपहार में
संस्था के कार्यक्रमों का सर्वाधिक प्रशंसनीय पहलू यह रहा कि अन्य कार्यक्रमों की परम्परा से हट कर अतिथियों को पौधे भेंट किये गये। पूर्व में इस संवाददाता को भी संस्था के एक कार्यक्रम में जाने का अवसर मिला था तब आयोजकों ने सभी को तुलसी की पौध उपहार में दी थीं। कार्यक्रम में प्रमुख रूप में हरीश मेहरा, राजेश सिंह, अशोक मिश्रा, गिरीश सनवाल, टिकेन्द्र नेगी आदि उपस्थित थे।