राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) के मुखिया और पूर्व भारतीय कप्तान राहुल द्रविड़ इन दिनों लखनऊ में हैं। गुरुवार को यहां मीडिया से बात करते हुए द्रविड़ ने कहा कि इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) में भारतीय कप्तानों और प्रशिक्षकों की संख्या में इजाफा होना चाहिए। भारतीय कोच भी विदेशी प्रशिक्षकों की तरह काबिल हैं। द्रविड़ यहां भारत और अफगानिस्तान की अंडर-19 टीमों के बीच खेली जा रही वनडे सीरीज में शिरकत करने आए हैं।
पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा, मुझे लगता है कि भारत में पास अच्छे प्रशिक्षकों की कमी नहीं हैं। जिस तरह हमारे पास क्रिकेट में शानदार प्रतिभा है, उसी तरह कोचिंग विभाग में भी अच्छी प्रतिभा है। हमें उन्हें आत्मविश्र्वास देने और अच्छा करने के लिए समय देने की जरूरत है। मालूम हो कि द्रविड़ भारतीय अंडर-19 और इंडिया-ए के कोच के अलावा आइपीएल में राजस्थान और दिल्ली की टीमों को कोच के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
उनकी कोचिंग में भारतीय अंडर-19 टीम ने विश्व कप का खिताब भी अपने नाम किया है। जूनियर टीम से कमलेश नागारकोटी, शिवम मावी और ईशान पोरेल निकले थे, जो वर्तमान में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। इन तीनों ने आइपीएल में भी अच्छा प्रदर्शन किया है। द्रविड़ ने कहा कि मुझे उम्मीद है भविष्य में भी अंडर-19 टीम से भारत को अच्छे गेंदबाज मिलेंगे और हर साल हमें जूनियर टीम से अच्छे तेज गेंदबाज मिले भी हैं।
भारतीय तेज गेंदबाजी की गुणवत्ता के सवाल पर पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा, वर्तमान टीम इंडिया में तेज गेंदबाजी आक्रमण काफी मजबूत है। हमारे पास जसप्रीत बुमराह के अलावा मुहम्मद शमी, इशांत शर्मा और उमेश यादव जैसे दमदार गेंदबाज हैं, जिनकी बदौलत टीम को एक के बाद एक लगातार जीत नसीब हो रही है। राहुल द्रविड़ के मुताबिक युवा खिलाड़ी इन गेंदबाजों को फॉलो कर रहे हैं। निश्चित रूप से मैं इसका श्रेय बीसीसीआइ को दूंगा। उन्होंने कहा कि आइपीएल दुनिया की सबसे बड़ी लीग है और इसमें हमारे लड़कों को सपोर्ट स्टाफ में जरूर मौका मिलना चाहिए।