अगर आप FD की तुलना में चाहते हैं ज्यादा रिटर्न करें यहां निवेश

business

भारत में अधिकतर मध्यम वर्गीय परिवारों की इन्वेस्टमेंट की पहली पसंद फिक्स्ड डिपॉजिट यानी एफडी होती है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि एफडी (FD) में निवेश जोखिम रहित होता है। लेकिन भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा रेपो रेट में इस साल में अब तक 135 आधार अंकों की कटौती करने के कारण बैंकों ने टर्म डिपॉजिट पर ब्याज दरों को कम किया है। एसबीआई, एचडीएफसी बैंक, पीएनबी और आईसीआईसीआई जैसे देश के बड़े बैंक एक साल से 10 साल तक की अवधि के लिए एफडी पर 6.5 फीसद (सीनियर सिटीजन को छोड़कर) ब्याज दर की पेशकश कर रहे हैं।

एफडी पर ब्याज दरों में गिरावट से रिटायर्ड पर्सन पर सबसे ज्यादा असर पड़ रहा है, क्योंकि वे इसी से प्राप्त आय पर निर्भर रहते हैं। आज हम आपको कुछ ऐसे इन्वेस्टमेंट ऑप्शन बताने जा रहे हैं, जिनसे आप एफडी की तुलना में ज्यादा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं।

स्मॉल फाइनेंस बैंक/नए प्राइवेट बैंक

नए प्राइवेट बैंक जैसे डीसीबी बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक सामान्य नागरिकों के लिए 7.80 फीसद तक और सीनियर सिटीजन के लिए 8.4 फीसद तक की ब्याज दर की पेशकश करते हैं। वहीं, उत्कर्ष बैंक और जन स्मॉल फाइनेंस जैसे स्मॉल फाइनेंस बैंक भी टर्म डिपॉजिट पर 8.6 फीसद तक ब्याज दर की पेशकश कर रहे हैं। आप इन विकल्पों में से किसी एक का चयन कर एफडी की तुलना में ज्यादा रिटर्न पा सकते हैं। आपको बता दें कि इन बैंकों में पैसा को-ऑपरेटिव बैंकों की तुलना में ज्यादा सुरक्षित रहता है। वह इसलिए क्योंकि यहां आपका पैसा डिपोजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी स्कीम के तहत कवर्ड होता है।

पोस्ट ऑफिस स्कीम

यहां आपका पैसा बैंक एफडी की तुलना में अधिक सुरक्षित होता है और वहां कि तुलना में यहां रिटर्न भी ज्यादा होता है। पोस्ट ऑफिस में आपको विभिन्न अवधियों के लिए निवेश के 9 विकल्प मिलतें हैं। यहां पीपीएफ (PPF) और सुकन्या समृद्धि योजना जैसे विकल्प लंबी अवधि के लिए हैं। वहीं, पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट, सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम और मंथली इनकम स्कीम छो़टी और मध्यम अवधि के लिए है। इन स्कीम्स पर समान अवधि के लिए ब्याज दर बैंक डिपॉजिट की तुलना में 1.5 फीसद ज्यादा है। वहीं, कुछ स्कीम्स जैसे पीपीएफ और एसएसवाई (SSY) में उच्च रिटर्न के साथ ही टैक्स छूट भी मिलती है।

टैक्स फ्री बोन्ड्स

उच्चतम टैक्स ब्रैकेट में आने वाले लोगों के लिए ये बॉन्ड काफी सही है। वह इसलिए क्योंकि इसमें ब्याज आय कर-मुक्त होती है। ये टैक्स फ्री बॉन्ड सरकारी संस्थाओं द्वारा जारी किये जाते हैं, इसलिए इसमें पैसा डूबने की गुजाइंश बहुत कम होती है। ये बॉन्ड 10 से 20 साल तक की लंबी अवधि के लिए जारी होते हैं। अभी टैक्स फ्री बॉन्ड्स 5.1 से 5.4 फीसद के बीच के टैक्स फ्री रिटर्न की पेशकश कर रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *