सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को लोन मोरैटोरियम (Loan Moratorium) के अंदर ब्याज छूट की मांग की याचिका पर सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह मामला लंबे समय से लटका है। कोर्ट ने केंद्र से इस बारे में अपना रुख स्पष्ट करने के लिए कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यह समस्या ही आपके लॉकडाउन से उत्पन्न हुई है। कोर्ट ने कहा कि यह केवल व्यवसाय पर विचार करने का समय नहीं है। कोर्ट ने कहा कि सरकार को लोगों की दुर्दशा के बारे में भी सोचना चाहिए। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई को 1 सितंबर तक के लिए टाल दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने लोन मोरैटोरियम सुनवाई के दौरान केंद्र से कहा, ‘समस्या आपके लॉकडाउन के कारण उत्पन्न हुई है। यह केवल व्यापार के बारे में ही सोचने का समय नहीं है। लोगों की परेशानियों के बारे में भी विचार किया जाना चाहिए।’
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र ने अभी तक अपना रूख साफ नहीं किया है। कोर्ट ने कहा कि डीएम एक्ट के तहत केंद्र के पास पर्याप्त शक्तियां उपलब्ध हैं। आपको केंद्र की स्थिति स्पष्ट करनी होगी।
कोर्ट ने कहा कि केंद्र को ब्याज पर ब्याज की माफी के संबंध में जल्द अपना मत स्पष्ट करना चाहिए। साथ ही कोर्ट ने कहा कि वह लोगों से जुड़े इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर भारतीय रिज़र्व बैंक के पीछे नहीं छिप सकता है। कोर्ट ने कहा कि केंद्र अब तक आरबीआई के पीछे छुपता आया है, जिसने ब्याज पर ब्याज से छूट के मुद्दे पर उद्योग की चिंताओं को चिह्नित किया है।