पाकिस्तानी सेना ने जम्मू-कश्मीर में खूनखराबा करने और नियंत्रण रेखा पर भारतीय सेना पर बैट हमलों को अंजाम देने के लिए आतंकियों के करीब 50 लांचिंग पैड फिर से क्रियाशील बनाए हैं। इन लांचिंग पैड पर मौजूद करीब तीन सौ आतंकियों में से 50 अफगानी मूल के हैं और वह आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े हैं। यह आतंकी 26 जनवरी के आसपास जम्मू-कश्मीर समेत देश के कई राज्यों में आतंकी गतिविधि को अंजाम देने की फिराक में हैं।
भारतीय खुफिया एजेंसियों ने अपने तंत्र के जरिए पाकिस्तानी सेना की इस साजिश का पता लगाया है। खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, इन लांचिंग पैड में से अधिकांश उत्तरी कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पार गुलाम कश्मीर की नीलम घाटी इलाके में हैं। इन आतंकियों को पाकिस्तानी सेना और उसकी खुफिया एजेंसी के अधिकारियों ने ट्रेनिंग दी है।
पाकिस्तानी सेना इन्हें भारतीय इलाके में घुसपैठ कराने के लिए उचित मौका तलाश रही है। खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, यह आतंकी 26 जनवरी के आसपास भारतीय क्षेत्र में दाखिल होकर जम्मू-कश्मीर सहित देश के अन्य भागों में विध्वंसकारी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए तैयार किए गए हैं।
नीलम, लीपा व टंगडार सक्रिय हैं अधिकांश लांचिंग पैड
हाल ही में क्रियाशील हुए लांचिंग पैड में से अधिकांश नीलम, लीपा और टंगडार घाटी में हैं। इनमें से अधिकांश लांचिंग पैड बीते साल फरवरी में भारतीय वायुसेना द्वारा किए गए बालाकोट हमले के बाद बंद हो गए थे।
खुफिया एजेंसियों ने बताया कि जैश सरगना अजहर मसूद का भाई रऊफ असगर भारत में किसी बड़े हमले को अंजाम देना चाहता है। बीते कुछ दिनों के दौरान वह इन लांचिंग पैड पर जमा हुए आतंकियों से दो बार मिलने पहुंचा है। पाकिस्तान की इस साजिश को नाकाम बनाने के लिए सभी एजेंसियों को अलर्ट कर दिया गया है। जम्मू कश्मीर में आतंकियों के समर्थकों पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है। नियंत्रण रेखा व अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भी चौकसी बढ़ा दी गई है।