उत्तराखंड में राशन कार्ड का संकट, मामूली कामकाज भी ठप; बढ़ी लोगों की परेशानी

उत्तराखण्ड

देहरादून। इन दिनों राशन कार्डधारकों का बुरा हाल है। पहले ही कई महीनों से प्रदेशभर में नवीनीकरण न होने की वजह से राशन कार्ड का संकट बना हुआ है। ऊपर से अब विभागीय अधिकारियों के चुनावी ड्यूटी में होने की वजह से मामूली कामकाज भी ठप पड़ गए हैं।

जिला पूर्ति कार्यालय में रोजाना दर्जनों की संख्या में लोग विभिन्न समस्या लेकर पहुंच रहे, लेकिन उन्हें बैरंग लौटना पड़ रहा है। यही स्थिति अन्य जिलों में भी बनी हुई है। इससे राशन उपभोक्ताओं की परेशानी बढ़ रही है।

दरअसल, हर पांच वर्ष में राशन कार्डो का नवीनीकरण किया जाता है। मार्च 2019 में नवीनीकरण को पांच वर्ष पूरे हो चुके हैं। देहरादून समेत अन्य जिलों में दिसंबर माह में राशन कार्ड खत्म हो चुके हैं और नये उपभोक्ता राशन कार्ड बनाने को लगातार आवेदन करते आ रहे हैं, लेकिन किसी को राशन कार्ड जारी नहीं हो पा रहे हैं। इससे प्रदेशभर में हजारों लोग खासे परेशान हैं।

हालांकि, अभी आचार संहिता लागू होने की वजह से नया राशन कार्ड जारी करने पर भी रोक है। अब चुनावी व्यस्तता के कारण डीएसओ कार्यालय में राशन कार्ड में नाम व अन्य पहचान संबंधी परिवर्तन, राशन कार्ड ट्रांसफर, कार्ड आधार लिंक समेत अन्य काम बाधित हुए पड़े हैं।

डीएसओ व पूर्ति निरीक्षकों की चुनाव में ड्यूटी लगाई गई है और महज दो से तीन पूर्ति निरीक्षकों के भरोसे कामकाज चल रहा है। रोजाना कार्यालय में 40 से 60 लोग विभिन्न समस्याओं को लेकर पहुंच रहे हैं, लेकिन अधिकारी-कर्मचारियों के अभाव में समस्याओं का समाधान संभव नहीं हो पा रहा है।

जिला खाद्य एवं पूर्ति अधिकारी विपिन कुमार ने कहा कि चुनावी ड्यूटी में होने के कारण विभागीय कामकाज सुचारु रूप से नहीं चल पा रहा है। नवीनीकरण की समस्या पिछले कई महीनों से है। चुनाव के बाद नवीनीकरण का शासनादेश जारी होते ही यह समस्या हल हो जाएगी।

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